Malu Gweeralu Ka Bich Garhwali Song Narendra Singh Negi And Anuradha Nirala

Maalu Gwiraalu Ka Bich Garhwali Song Narendra Singh Negi And Anuradha Nirala
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Song : Maalu Gwiraalu Ka Bich
Singer : Narendra Singh Negi And Anuradha Nirala
Lable : T-Series 
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मालू ग्वीरालु का बिच

STAP -1

माळू ग्वीराळू का बीच खिलीं सकिनी अहा..... ×2
गोरी मुखड़ि मा हो
लाल उंठूड़ी जनी अहा....×2

माळू ग्वीराळू का बीच खिलीं 
सकिनी अहा..... ×2
गोरी मुखड़ि मा हो
लाल उंठूड़ी जनी अहा....×2

 शब्दार्थ-

सकिनी, सकिनु - एक लाल रंग के फूल देने वाला पौधा 
मालु - चौड़े पत्तों वाली लाता जिसका प्रयोग दोने और पत्तल बनाने में किया जाता है
ग्वीराळ- कचनार का पेड़ 

हिंदी अर्थ  { मालू और कचनार के पेड़ के मध्य सकिनी के पौधे का लाल फूल ऐसे लग रहा हैं, मानो किसी गोरे से चेहरे पर उसके लाल होंठ शोभायमान हों }

STAP -2
बाँज अयाँरु का बौण फुल्यूं बुरांस कनू 
बाँज अयाँरु का बौण...
बाँज अयाँरु का बौण...
बाँज अयाँरु का बौण फुल्यूं बुरांस कनू 
बै फुल्यूं बुरांस कनू 
बाँज अयाँरु का बौण
बाँज अयाँरु का बीच खिल्यूँ बुरांस कनू 
हैरी साड़ि मा बिलोज लाल पैरयूँ हो जनू
हैरी साड़ि मा बिलोज लाल पैरयूँ हो जनु 
 माळू ग्वीराळू का बीच खिलीं सकिनी अहा...
माळू ग्वीराळू का बीच खिलीं सकिनी अहा माळू

शब्दार्थ-
बांज - अन्यार = वृक्ष 
बौण - जंगल 
फुल्यूं - खिला हुआ 
बुरास - लाल रंग का बुरास पुष्प 
हैरी साड़ी - हरी साड़ी 
बिलोज लाल - लाल ब्लाउज
पैरियूं - पहना हुआ 

हिंदी अर्थ  { बुरास का फूल बांज और अंयार के जंगल के मध्य कितना प्यारा खिला हुआ है की मानो ऐसा लग रहा है जैसे हरी साड़ी के साथ लाल ब्लाउज पहना हो किसी ने }


STAP -3
तोतर किनगोड़ काफळ कळ हिंसर लरतर
तोतर किनगोड़ काफळ....
तोतर किनगोड़ काफळ कळ हिंसर लरतर
तोतर किनगोड़ काफळ
तोतर किनगोड़ काफळ कळ हिंसर लरतर
कळ हिंसर लरतर
 रंसुळा देबदारु कि ठन्डी-ठन्डी हवा सर-सर
रंसुळा देबदारु कि ठन्डी-ठन्डी हवा सर-सर
माळू ग्वीराळू का बीच खिलीं सकिनी अहा...
माळू ग्वीराळू का बीच खिलीं सकिनी अहा माळू

शब्दार्थ-
तोतर -किन्गोड - कटीली झाड़ी वाले पौधे जिनमें जंगली फल लगते हैं 
काफल - एक पहाड़ी जंगली फल 
कल हिसर - काले हसर
लरतर - रस से भरे हुए 
रंसुळा- देवदार - उच्च हिमालयी छेत्र के वृक्ष 
सर सर - कम्पन भरी ठंड 
हिंदी अर्थ  { तोतर, किन्गोड, काफल, काले हिसर रस से भरे हुए हैं। रंसुळा देवदार  वृक्षों  के बिच से ठंडी ठंडी हवा बह रही होगी }


STAP -4

खिलीं मखमली बुग्याळू मा सरेल क्या बोन 
खिलीं मखमली बुग्याळू मा
खिलीं मखमली बुग्याळू मा 
खिलीं मखमली बुग्याळू मा सरेल क्या बोन 
बळ सरेल क्या बोन...
आँखी रै गिनी देखदी सोर्ग पौछिगे मन
आँखी रै गिनी देखदी सोर्ग पौछिगे मन
माळू ग्वीराळू का बीच खिलीं सकिनी अहा...
माळू ग्वीराळू का बीच खिलीं सकिनी अहा माळू

शब्दार्थ-
मखमली - मखमल 
बुग्याळ- हरे घास के मैदान 
सरेल - मन, शरीर, हृदय
क्या बोन - क्या कहना 
आँखी - आँख 
रैगिनी - रह गई 
सोर्ग - स्वर्ग 
पौछी - पहुँच गया 

हिंदी अर्थ  {हृदय इन हरे भरे खिले हुए बुग्याल को देख कर ऐसा कहता है जैसे आँखें देखती रह गई हो और मन स्वर्ग मे पहुँच गया है }

STAP -5
यन मा होलू कन जु मन माया नि जोड़ालू
यन मा होलू कन 
यन मा होलू कन 
यन मा होलू कन जु मन माया नि जोड़ालू
जु मन माया नि जोड़ालू
 खेल माया कू न खेल पछतौण पौड़ालू
खेल माया कू न खेल पछतौण पौड़ालू
 माळू ग्वीराळू का बीच खिलीं सकिनी अहा...
माळू ग्वीराळू का बीच खिलीं सकिनी अहा माळू

शब्दार्थ-
यन मा - ऐसे में कैसे, 
होलु कन - कैसे होगा 
माया - प्यार 
जोड़ालू - जोड़ेगा 
माया कु - प्यार का 
पछतोंण - पछतावा 
पाउडलों - पड़ेगा 

हिंदी अर्थ {ऐसे में कौन होगा जिसका हृदय प्रेम से नहीं जुड़ेगा, प्रेम के साथ खेल मत खेलो, बाद में पछतावा होगा }

STAP -6

कैल कुळायूं कि सैल तेरा गैल फेर कब 
कैल कुळायूं कि सैल
कैल कुळायूं कि सैल
कैल कुळायूं कि सैल तेरा गैल फेर कब 
हे तेरा गैल फेर कब 
राजी रालि डांडि कांठि रितू बौड़ाली जब
राजी रालि डांडि कांठि रितू बौड़ाली जब
माळू ग्वीराळू का बीच खिलीं सकिनी अहा...
माळू ग्वीराळू का बीच खिलीं सकिनी अहा माळू

शब्दार्थ-
कैल -कुळायूं- चीड़ के वृक्ष जैसे ऊंचाई पर उगने वाले वृक्ष 
सैल - घूमना, सैर सपाटा 
गैल - साथ 
राजी - कुशल, सुखी 
राली - रहेगी 
डांडी - कांठी -
रितु - ऋतू 
बौडली- लौट कर आएगी 

हिंदी अर्थ  तुम्हारे साथ कैल -कुळायूं के जंगल में घूमना फिर कब होगा?, जब सकुशल ये पहाड़ पर्वत रहेंगे, और जब फिर से ये ऋतू दोबारा लौट कर वापस आएगी...

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