Meri Betuli Meri Laadi Shadi Vidai Song LyricsNarendra Singh Negi

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 Song:  Meri Betuli Meri Laadi  


Voice : Narendra Singh Negi

Youtube video link


Meri Betuli Meri Laadi bidaai song Narendra Singh Negi 


 { song story summary }

 यह गाना एक पिता का अपनी बेटी को ससुराल विदा करते समय गया गया है, पिता अपने प्यार भरे शब्दों में अपनी बेटी को उसके बचपन के दिनों से लेकर, बेटी के बड़े होने की बात करता है, उसे ससुराल के बारे मे समझाता है, वह कहता है बेटी तुम देखते ही देखते बड़ी हो गई हो, आज तुम हमारे दिलों को दुखी करके हमसे दूर जा रही हो जा रही हो, लेकिन याद रखना सभी बड़े बूढ़ो की इज्जत करना धैर्य बनाए रखना, कभी किसी को दोहरा जवाब मत देना, और अपनी खुशी के पल में हमें भूल मत जाना, गाने का स्टेप बाय स्टेप अर्थ लिखा गया है आप उसे पढ़ सकते हैं👇


Mp3 song 👇

 





STAP - 1

 पिताजी
मेरी बेटुली मेरी लाड़ लठ्याली
मेरी चखुली मेरी फूलों की डाली... 2
आज स्या दयख्दादयख्दा
बिराणी ह्वेग्ये सैती - पाली
बिराणी ह्वेग्ये सैती - पाली
{ हिंदी अर्थ }
 - एक पिता अपनी दुल्हन बनी बेटी को कहता है, मेरी बेटी, मेरी लाडली बेटी , मेरी चिड़िया, मेरे फूल का पेड़, आज पाल- पोष कर देखते - देखते पराई हो गई है }

बेटी 

बाबा जी .....
यकुली यकुली कन क्वे की रौलू
हे माजी......
बिराणा मुलुक कन क्वे की रौलू

{ हिंदी अर्थ } -
बेटी भावुक शब्दों में कहती है पिताजी अकेले अकेले मैं कैसे रहूंगी, हे माँ अनजाने छेत्र मे अकेले अकेले मैं कैसे रहूंगी }


STAP - 2

 पिताजी
अफू भी रवैं, मैतयूं भी रुलेगी आज छक्वेकी
हंसंदू खेलदू घौर सून कैं ग्ये झिकुड़ियों दुखैंकी
खुद लगली भै - बैणों की मैत्योंऽकी रवे ना
ऊपरी मुलुक ऊपरी मनख्यों मा धिराज खवैं ना
खुब फल फूली मैंत्यूं नां भूली, मेरी आंख्यों की उज्याली
बिराणी ह्वेग्ये सैती - पाली, बिराणी ह्वेग्ये सैती - पाली

{ हिंदी अर्थ }-
खुद भी रोई, मायके वालों को भी आज बहुत ज्यादा रुला गई, हंसता खेलता घर सुन कर गई, दिलों को दुख कर, याद आएगी भाई बहनों की मायके वालों की रोना नहीं, नए छेत्र मे नए लोगों के साथ धैर्य रखना, खूब फूलना फलना लेकिन मायके वालों को मत भूलना, मेरे आंखों की उजयारी आज पाल- पोष कर देखते - देखते पराई हो गई है }

बेटी
बाबा जी .....
यकुली यकुली कन क्वे की रौलू
हे माजी......
बिराणा मुलुक कन क्वे की रौलू

{ हिंदी अर्थ }
- बेटी भावुक शब्दों में कहती है पिताजी अकेले अकेले मैं कैसे रहूंगी, हे माँ अनजाने छेत्र मे अकेले अकेले मैं कैसे रहूंगी }


STAP - 3

 पिताजी
अपडू ह्वे की भी अपडु नी यो धन् कन धन चा
याद औंन्दन तेरा खेल खिलौणा, दिन बाला पनका
किल्कवरी मारी ग्वाया लगाणु, याद आणु चा
तुतलैकी तेरु बोल्णु - बच्याणु याद आणु चा
नवाई -तपाईं, ग्वलयाई हियाई, झिकुणी का काख स्वाई
बिराणी ह्वेग्ये सैती - पाली, बिराणी ह्वेग्ये सैती - पाली

{ हिंदी अर्थ }
अपना होने के बावजूद भी अपना नहीं है जो धन वह धन कैसा धन है, याद आते हैं तेरे खेल और खिलौने, वो दिन बचपन के, किलकारी मारकर घुटनों के बल चलना याद आ रहा है, तुतलाते हुए तेरा बोलना याद आ रहा है, नहलाया -तपया, चलना सिखाया, हृदय के पास सुलाया बेटी आज पाल- पोष कर देखते - देखते पराई हो गई है }

बेटी

बाबा जी ........हे माजी......

 पिताजी...... हे माँ जी 


STAP - 4

 पिताजी

मुख ना लगी दाना स्याणु का प्रेम से रैई
भलु - बुरु जन हो भाग मा ब्येटी टुप सै ल्येई
अमर रयां तेरु स्वाग सदानी सुखःसंती रयां तु,
वीं घर की लाज छै अपडु धर्म निभैं तु
खुब फल फूली मैंत्यूं नां भूली, मेरी आंख्यों की उज्याली
बिराणी ह्वेग्ये सैती - पाली, बिराणी ह्वेग्ये सैती - पाली

{ हिंदी अर्थ }
 अपने से बड़ों और बूढ़ों को दोहरा जवाब मत देना प्रेम से रहना , भला बुरा जो भी होगा भाग्य में उसे चुप करके सहन कर लेना, अमर रहे तेरा सुहाग हमेशा सुखी जिंदगी जिये तू, अब उसे घर की लाज हो तुम अपना धर्म निभाना तुम, खूब फल- फूलना पर मायके वालों को मत भूलना, मेरी आंखों की उजियारी,बेटी आज पाल- पोष कर देखते - देखते पराई हो गई है }

बेटी

बाबा जी ........हे माजी......






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