kisahn mahipal garhwali song lyrics ton ki daliyun ka nis
Kisan mahipal taund ki daliyun ka nis
तोण की डालीयों का नीस
तोण की डालीयों का नीस
खलखाला पालयांथरों पर ×2
घुस -घूस दाथुड़ी पाल्यांदी
मेरा गौ की घस्येनी वा...×2
तोण की डालीयों का नीस.....
हिंदी अर्थ
तोड़ के पेड़ के नीचे
मुलायम पत्थरों पर
रगड़ रगड़ के दारंती पर धार लगाती
मेरे गांव की घास वाली स्त्रियां।
Stap -2
तंग तंगी पथरवाडो बाटो हिटिक
लंग लंगी फ़ौक्यों झड़कोंदी×2
तीसल होली सांकी फुक्येंणी..
भूकल ज्यू कबलाणु वा...×2
तोण की डालीयों का नीस×2
हिंदी अर्थ
उबाड़ खाबड़ पथरीले रास्तों पर चलकर
लांग लांग के लम्बी टहनियूं को काटती हो
प्याज़ से गला जल रहा होगा
भूख से मन घबरा रहा होगा...
Stap -3
ओ जब घाम धार मा होलू ×2
गों का गौरू लगयाँ बाटा होला×2
धूल उड़ांद घस्येनीयों की पांत
दनकदी- दनकदी वा....×2
तोण की डालीयों का नीस×2
हिंदी अर्थ
जब पर्वतो पर डूबते सूरज की रोशनी होगी
गौ के गाय घर के लिए आने लगे होंगे
घास लाति हुई स्त्रियों के दौड़ते दौड़ते घास और पैरों से धूल उड़ रही होगी।
Stap -4
वा भी ऐगी होली हाय...×2
भारु बिसै की साँसू ससे की×2
गाती का कुमर छटीयाँणी होली
मेरी हिया की राणी वा×2
तोण की डालीयों का नीस×2
हिंदी अर्थ
वा भी आ गई होगी
घास के बोझ को रख कर राहत की सांस ले कर
कपड़ो पर लगे जंगली घास के कांटे हटा रही होगी
मेरे दिल की रानी।
Stap -5
हाय गँजेलियूँ कु गांज
सुपौ मा नाज..×2
खुद लैगी सांकी मा लैगी पराज
ढ़ोल दमो पिपरी बजणा होला
गौ का खौला रौला मा....×2
हिंदी अर्थ
जब धान की कुटाई दोनों तरफ गँजेली से हो रही होगी,और साथ में कुटा हु धान सूप में रखा होगा
दिल में याद आ रही है और शरीर में गुदगुदी सी लगा रही है
ढ़ोल - दामाऊ और पिपरी जैसे पारम्परिक वाध्य यन्त्र गांव और चौकों में बज रहे होंगे।
Stap -6
तोण की डालीयों का नीस
खलखाला पालयथरों पर ×2
घुस -घूस दाथुड़ी पाल्यांदी
मेरा गौ की घस्येनी वा...×2
तोण की डालीयों का नीस.....
तोण की डालीयों का नीस.....×2
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