{ "{हे स्याळी ! गर्मियों की यह धूप किसी विष के समान है, जो तुम्हें तड़पाएगी। आज यहीं रुक जाओ। कल सुबह, जब ठंडक होगी, तब आराम से चली जाना।}"
मीना राणा
भोल भोल कै दिन बंडी ह्वेगनी
भोल भोल कै दिन बंडी ह्वेगनी
जांण दे छोड़ जैल्योलु भीना मठु मठु .. x2
स्याळी: हिंदी अर्थ
"{जीजा जी, इस 'कल-कल' करते हुए (अर्थात् टालते हुए) बहुत दिन बीत चुके हैं। अब मुझे जाने दीजिये। मैं धीरे-धीरे चली जाऊँगी।}"
नरेन्द्र सिंह नेगी
बैठी रा भोल बिनसीरी मा जई ठंडु मठु... x2
मीना राणा
जांण दे छोड़ जैल्योलु भीना मठु मठु .. x2
STAP-2
नरेन्द्र सिंह नेगी
बाटों का ताता ढुंगों मा डम्येली
हाथ खुट्टी हाथ खुट्टी
बाटों का ताता ढुंगों मा डम्येली
हाथ खुट्टी हाथ खुट्टी
चड़चड़ा घामु मा गाती फु क्येली गुंदक्याली
घम झौलों मा मुखडी पीत मौर्येली स्याळी
बैठी रा भोल बिनसीरी मा जई ठंडु मठु... x2
नरेन्द्र सिंह नेगी: हिंदी अर्थ
"{गर्मी में रास्ते के कंकड़-पत्थर तप कर गर्म हो गए होंगे। कहीं ऐसा न हो कि उनसे तुम्हारे कोमल हाथ-पैर जल जाएँ। इस चिलचिलाती गर्मी में तुम्हारा नाजुक शरीर झुलस न जाए। गर्मी की लपटों से कहीं तुम्हारे मुख का पानी सूख न जाए और वह मुरझा न जाए। इसीलिए मैं कहता हूँ कि कल सुबह होते ही ठंडक में निकल जाना।}
मीना राणा
जांण दे छोड़ जैल्योलु भीना मठु मठु .. x2
STAP-3
मीना राणा
पैटीग्ये होला स्कुल्या भै बैणा
स्कूल...... ईसकूल
पैटीग्ये होला स्कुल्या भै बैणा
स्कूल...... ईसकूल
ग्वोरु चरैलु, रसोई पकौलु
कु ल्यालु पाणीं
माजी म्येरी दुख्यारी क्याजी कारली
जांण दे फूक जैल्योलु भीना मठु मठु...
स्याळी:( हिंदी अर्थ)
"{मेरे छोटे भाई-बहन स्कूल के लिए निकल गए होंगे। गाय चराने कौन जाएगा? खाना कौन बनाएगा? और पानी कौन लाएगा? मेरी माँ बीमार हैं, वह अकेली क्या-क्या करेंगी? अब मुझे जाने दीजिये, मैं धीरे-धीरे चली जाऊँगी।}"
नरेन्द्र सिंह नेगी
बैठी रा भोल बिनसीरी मा जई ठंडु मठु..
STAP-4
नरेन्द्र सिंह नेगी
रैजा स्याली आज बासा मेरी
मांज्युल कुड़ी... रैजा स्याली
रैजा स्याली आज बासा मेरी
मांज्युल कुड़ी... मांज्युल कुड़ी
बखरीयों का गोठ, भैंस्यूं का खर्क
रिंगदा घट्ट....
दिदी त्येरी निर्मोई रै छट छोड़ी ग्ये
बैठी रा भोल बिनसीरी मा जई ठंडु मठु..
नरेन्द्र सिंह नेगी: ( हिंदी अर्थ )
"{हे स्याळी! आज मेरी ऊपरी मंजिल के कमरे में ही ठहर जाओ। बकरियों का स्थान, भैंसों की गौशाला और चलते हुए घराट – तुम्हारी दीदी को इनमें से किसी भी चीज़ का मोह नहीं रहा। वह अचानक इन सबको छोड़कर चली गई। इसीलिए कहता हूँ, कल सुबह होते ही ठंडक में निकल जाना।}"
{
मीना राणा
जांण दे छोड़ जैल्योलु भीना मठु मठु...
STAP-5
मीना राणा
राजी - खुशी चयेंद,
मी औंदी रौलु भेना... म्यारा भेना
राजी - खुशी चयेंद,
मी औंदी रौलु भेना... म्यारा भेना
तेरा ये रौंतेला मुल्क, घणा बण
छांटा गौऊं.....
ज्यूं नी भरये, नी भरयेण्या
तेरी छुयूं मा कबी...
जांण दे छोड़ जैल्योलु भीना मठु मठु...
स्याळी:( हिंदी अर्थ)
"{जीजा जी, जीवन सुखमय रहना चाहिए और मैं आती रहूँगी। तुम्हारे इस मनमोहक गाँव में, जहाँ घने जंगल हैं और दूर-दूर तक गाँव फैले हुए हैं, मेरा मन अभी भरा नहीं है। भला तुम्हारी इन प्यारी-प्यारी बातों से कभी मन भरने वाला है? आज मुझे जाने दीजिये, मैं धीरे-धीरे चली जाऊँगी।}"
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