wo chantha uncha uncha chantha l वो चांठा ऊँचा ऊँचा चांठा | NARENDER SINGH NEGI

wo chantha uncha uncha chantha। वो चांठा ऊँचा ऊँचा चांठा | NARENDER SINGH NEGI  | New Trending Uttarakhandi Song | wo chantha uncha uncha chantha 

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नरेंद्र सिंह नेगी गढ़वाली गीत 

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Song : wo chantha uncha uncha chantha
Singer : Narendra Singh Negi
 Album movie: Aunsi ki Raat 
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गीत का हिन्दी अर्थ संक्षित में :
इस गीत में एक गीतकार ने उस अवस्था में गीत को रख कर देखा है, जहां पर सालों बाद घर में खुशीयां वापस आतीं हैं, और अचानक से 
पल भर में सब कुछ एक दर्द - पिड़ा में बदल जाता है । उसका घर परिवार सब एक ही पल में अमावस्या की रात (औंसी की रात ) को खत्म हो जाता है। इसी दर्द को लेकर यह गीत लिखा गया है 
इस गीत का हिन्दी अर्थ समझने के लिए आप हमारे यूट्यूब चैनल पर भी विजिट कर सकते हैं जहां पर हम गढ़वाली भाषा के साथ गढ़वाली गीतों का हिन्दी अर्थ समझाते हैं। GARHWALI SIKHO 
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STAP-1
 वो चांठा ऊँचा ऊँचा चांठा
यी डांडा बड़ा बड़ा डांडा 
वो चांठा ऊँचा ऊँचा चांठा
यी डांडा बड़ा बड़ा डांडा 
यूँ डांडो से भी बड़ा 
दुःख मेरा बांठा, मेरा बांठा 
वो चांठा ऊँचा ऊँचा चांठा
यी डांडा बड़ा बड़ा डांडा 
वो चांठा ऊँचा ऊँचा चांठा
यी डांडा बड़ा बड़ा डांडा 

STAP-2
मांगी भीक खात्येई, 
पाईं चीज हारची
भरंयां भांडा ह्वे गैनी  
रिता मेरा.......
भरंयां भांडा ह्वे गैनी  
रिता मेरा.......
मेरा रूठीऽनी मैसे
पीठ फ्येरी म्येरौन 
छोड़ी गैनी यखुली
ये अंधेरा.....
छोड़ी गैनी यखुली
ये अंधेरा.....
वु हैंसदा छंटा - छांटा उज्याला

वु हैंसदा छंटा - छांटा उज्याला
ये रुंदा घौणा घौणा अंधेरा
यूं अंधेरों से घौंणी
पीडा मेरा बांठा....मेरा बांठा...
वो चांठा ऊँचा ऊँचा चांठा
यी डांडा बड़ा बड़ा डांडा 
वो चांठा ऊँचा ऊँचा चांठा
यी डांडा बड़ा बड़ा डांडा

STAP-3
हर्ष हर्ची मुट्ठी को
सुख गैनी रुसैंकी
खुट्टु सुखा सैंणा
मा रौड़ी म्येरो
खुट्टु सुखा सैंणा
मा रौड़ी म्येरो
नीं छौ लाड़ जोग मा
भाग नीं रै भग्यान
सुखी स्येलु समौं
 नीं बौंड़ी म्येरो...
सुखी स्येलु समौं
 नीं बौंड़ी म्येरो...
वो ममता मिठी - मिठी ममता

वो ममता मिठी - मिठी ममता
या विपदा बडी बडी विपदा
यों विपदों से बडो
खोप म्येरा बांठा
म्येरा बांठा......
वो चांठा ऊँचा ऊँचा चांठा
ये डांडा बड़ा बड़ा डांडा

STAP-4
औ रे औडु उणै जा
यूं खैरी का दिनू
ये जो दिन काटी की
नीं कटैंदा....
ये जो दिन काटी की
नीं कटैंदा....
लिज्जा गंगा जी लिजा
म्येरा आंसू बगैं की
ये जु आंसु थामी की
नीं थमैंदा....
ये जु आंसु थामी की
नीं थमैंदा....
वा स्वांणी स्वांणी - स्वांणी सबेर

वा स्वांणी स्वांणी - स्वांणी सबेर
या औंसी काली काली रात
ईं रात से भी कालु
जोग मेरा माथा...
मेरा माथा
वो चांठा ऊँचा ऊँचा चांठा
यी डांडा बड़ा बड़ा डांडा 
वो चांठा ऊँचा ऊँचा चांठा
यी डांडा बड़ा बड़ा डांडा 
यूँ डांडो से भी बड़ा 
दुःख मेरा बांठा, मेरा बांठा 
वो चांठा ऊँचा ऊँचा चांठा
यी डांडा बड़ा बड़ा डांडा 
वो चांठा ऊँचा ऊँचा चांठा
यी डांडा बड़ा बड़ा डांडा 



















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